मां उर्मिला जग मौन है.. पर जानता तू कौन है |Best Poem By Kavi Sandeep Dwivedi

माँ उर्मिला,जग मौन है पर जानता..तू कौन है तुम हो ऐसी नायिका उस युग की अद्भुत प्रेमिका जिसका बिछड़ना प्रेम है जिसका तड़पना प्रेम है माँ उर्मिला,जग मौन है पर जानता..तू कौन है 2. श्री राम की गाथा रही सो राम गाथा ले गए महलों के पृष्ठों पर तेरे बस नाम अंकित रह गए …

Yahi Samay Hai Dhiraj Dharna |best motivational poem by kavi sandeep dwivedi

नई सुबह की प्रथम शाम है मन तेरा घबराएगा चिंता तुम्हें डुबाएगी साहस भी हाथ छुड़ाएगा यही समय है धीरज धरना सूरज आने वाला है रात के घेरे छंटने है उजियारा छाने वाला है।   आंच तुम्हारे अंगों को झुलसाती और तपाती है मुश्किल होती सहने में सांस उलझती जाती है। यही समय है धीरज धर…