जिस उम्र में हम आलस किए हुए .. हार माने हुए बैठे हैं । उसी उम्र में किसी ने अपने विचारों से भारत के सामने पूरी दुनिया को नतमस्तक कर दिया था । कोई पर्वत की ऊंची चोटी छू रहा है। कोई आसमान नाप रहा है । कोई ऊंचे पदों को सुशोभित कर रहा है । ये सब हम और आप जैसे ही हैं ..…