अर्जुन अनगिन शस्त्र तुम्हारे तनी भुजाओं के प्यासे हैं.. भेद रही है तेरी शिथिलता, भरी भरी इनकी सांसें है.. युद्ध भूमि में खड़े हुए का, युद्ध ही आँका जाता है.. जिस दशा में अर्जुन उसको जब कायर कहकर गाता है.. अर्जुन जो कुछ मैंने छोड़ा बोलो,क्या सब मन का था? परिवार युद्ध…