मिट्टी की परतों से पथरीले रास्तों से यदि जड़ें तुम्हारी घबराती हों हिम्मत नहीं जुटा पाती हों तो मेरे नाव पल्लव साथी, ये जगह तुम्हारे लिए नहीं है डर है यदि गिर जाने का तो, शिखर तुम्हारे लिए नहीं है। मन को सुलझाने में ध्येय नया पाने में यदि अड़चन …
मिट्टी की परतों से पथरीले रास्तों से यदि जड़ें तुम्हारी घबराती हों हिम्मत नहीं जुटा पाती हों तो मेरे नाव पल्लव साथी, ये जगह तुम्हारे लिए नहीं है डर है यदि गिर जाने का तो, शिखर तुम्हारे लिए नहीं है। मन को सुलझाने में ध्येय नया पाने में यदि अड़चन …
आलस तुमको ले डूबेगी सारी क्षमताओं को तुमने, बैठे बैठे धूल किया । स्वप्न देखते समय बिताया, लक्ष्य को कोसों दूर किया । इसी तरह यदि रहा अगर तो, किस्मत हाथों में फूटेगी । आलस तुमको ले डूबेगी ।। नींद तुम्हारी खुलती कब है, वरना कोई कमी नहीं है । सब यूं ही हाथ चाहते …