यह कविता एक पिता के मनोभाव को दर्शाती है.... यह मनोभाव तब का होता है जब हम पिता को एक बहुत कठोर चरित्र में देख रहे होते हैं... क्योंकि हमने दुलारते सिर्फ माँ को देखा होता है.. और हम उनसे दूरी ही महसूस करते हैं।। और एक पिता की ये विवशता कि वो कह नहीं पाता अपना प्य…