Showing posts from November, 2018Show all
Sab Jag Rhe Tu Sota Rah..-Motivational Poem By Kavi Sandeep Dwivedi

आइये, स्वागत है  कवितायेँ पढ़ें भी और सुनें भी.. सब जाग रहे तू सोता रह  यह कविता मैंने 2017 में लिखी थी। मैं तब कई दिनों से स्वास्थ्य को लेकर परेशान था।और बीस दिन तक बेडरेस्ट में रहा।  अचानक से एक दिन अपने भीतर से मुझे लगा कि मैं बीस दिन से कर क्या रहा हूं लेटे ल…

पल जब इंतज़ार का हो ,कुछ इस तरह इंतज़ार करना ..:Best Love Poem : Kavi Sandeep Dwivedi

आइये ,स्वागत है  कविता पढ़ें भी और सुनें भी .. पल जब इंतज़ार का हो .. Love is the most pleasant feeling...Moment of waiting in Love is that stage which shows the Importance of the Special one..Those moments become more magical when u start living t…

शिवानन्द द्विवेदी - My Village Pride

आई आई टी, मुंबई  से गणित में मास्टर...इटली,ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी  में गणित के कई थ्योरम पर रिसर्च  और इन कई उपलब्धियों के बाद आकस्मिक परिवर्तन....सब छोड़कर गाँव की सेवा,भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज.. सामान्यतः हम यह कल्पना रखते हैं कि IIT जैसे तकनीकी संस्थान से ग्…

Maine Likhne Ko Tumhe Tha ..Prem Ka Sagar Chuna.. - Kavi Sandeep Dwivedi Best Love Poem

मैं कहूँ तो क्या कहूँ.. थी अधूरी सूचना  या भाव तुम समझे नही..  क्यूंकि तुमने जो कहा  हम उस तरह तो थे नही..  मैंने लिखने को तुम्हे  था प्रेम का सागर चुना..  तुम उतरकर पढ़ न पाये मैं कहूँ तो क्या कहूँ ... मूक प्रस्तावों को क्या  पत्र पर लिख…