हर हुनर की कद्र होती है..बस अपना हुनर न छोड़ें..निखारा जाए..वक्त मौका देगा एक बार नही जितनी बार चाहोगे।।

एक परिवार सारंगी बजाकर पूरा घर चलाता था।।आसपास के गांव में उसके चर्चे होते थे।भीड़ लगती थी।
उसके दो बेटे हुए दोनों को उसने सारंगी सिखायी और वो इन दोनों बेटों के 15 साल की उम्र में ही मर गया।।

दोनो भाई अपने पिता की तरह सारंगी  बजाते रहे।।लेकिन जल्दी ही वक्त के साथ सारंगी सुनने वाले लोग कम होने लगे।आमदनी कम होने लगी।
छोटे भाई ने एक दिन कहा अब वो नही बजा पायेगा।वो पैसे कमायेगा कोई नौकरी करेगा।
बड़े भाई ने कहा जाओ मत..इसे और निखारते हैं मिलकर और कहीं बाहर चलकर बजाते हैं।कुछ और नया करने की कोशिश करते हैं।
लेकिन तब भी वो नही माना..वो अपना हुनर छोड़कर बाहर शहर चला गया।काफी पैसे कमाए।घर बनाया ।
लेकिन बड़ा भाई ये सारंगी नही छोड़ पाया और अपने स्तर पर कुछ सारंगी में ही बेहतर करने की कोशिश करता रहा।
लेकिन सारंगी का सब जगह लगभग बुरा हाल था।लोग गिटार जैसे और नए नए आधुनिक वाद्ययंत्रों के दीवाने हो गए थे।
करीब 20 साल गुजर गए।40 के पार उम्र हो गयी।।
और तभी अचानक मुम्बई की फ़िल्म इंडस्ट्री में एक फ़िल्म में सारंगी की जरूरत लगी। फ़िल्म का music director बहुत ढूढने की कोशिश की लेकिन कोई नही मिला।।फिर उसे कहीं पता चला कि एक आदमी है दूर गांव में जो सारंगी बजाता है..गरीब है।

बस music director अगले ही दिन वहां पहुंच गया।उसने फ़िल्म में बजाने का ऑफर दिया।।और बस फिर क्या था 20 साल से ज्यादा वक्त तो लगा लेकिन दौर उसके लिए लौटा।।और वो रातों रात एक सितारा बन गया।।बेस्ट सारंगी वादक।बहुत नाम कमाया ।।पैसे कमाये।

उसका भाई एकटक उसे देख रहा था।जाने क्या सोचता हुआ।।शायद ये कि सही कौन था।वो खुद या उसका बड़ा भाई।

Story written by kavi sandeep dwivedi

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5 Comments

  1. https://mynedailylife.blogspot.com/2018/11/blog-post_5.html?m=1

    Please read my poem how to like poem comment....

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  2. Hmmm सुक्रिया सर जी आज तो जरूरत वाली चीज़ मिल गई एक परेसानी कम हो गई सुक्रिया सर🙏🙏

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  3. Waah sarangi wale aapne to kamal kar diya.

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