वो स्क्रीन सेवर जिसमे कई coloured bubbles होते थे और एक दूसरे से टकराते रहते थे..याद आया..?!!

जिंदगी भी शायद हमारी इन bubble की तरह है।।उन स्क्रीन पर से कोई एक bubble में खुद को समझिये.. देखिये वो कहाँ से चलना शुरू होता है और बाकी bubble से टकराते हुए इधर उधर से कहा से कहाँ पहुंच जाता है।।
      हम सब समय के हिसाब से ढलते जाते हैं।।
हमें मिले हुए लोग, मिली परिस्थितियां ...हर क्षण हम इन सबका मिक्सचर होते हैं।।
इन्ही सबका प्रभाव थोड़ा ही सही पर होता जरूर है और इन सबको सुलझाते उलझाते चलते हुए आगे बढ़ते रहते हैं..कहाँ से कहाँ..
कोई गरीब अमीर हो जाता है।।कोई साधारण सा दिखने वाला सुपरस्टार।।कोई जिसे हम नही जानते वो नामचीन..कोई कुछ कोई कुछ।।
सोचिये आप कहाँ से स्टार्ट हुए थे।।और आज जब ये ब्लॉग पढ़ रहे हैं।। सोचिये , आप जब चले थे तो क्या ये सोचकर कि लैपटॉप खोलकर या मोबाइल खोलकर आप संदीप द्विवेदी ब्लॉग पढेंगे?नही न। लेकिन फिर भी पढ़ रहे हैं
...हा हा.।
इसलिए खुश रहिये समय के साथ सब बदलता जाता है हमे नही मालूम कौन सी एक चीज आपकी जिंदगी बदल देगी।।लेकिन होगी जरूर।।
💐💐💐

Follow on
Insta/kavi sandeep dwivedi

9 Comments

  1. Hmmm मैं भी कुछ और ही समझ कर पूरा पढ़ गई😬😬
    लेकिन यही जिंदगी का सच है

    ReplyDelete
  2. पढ़ने के पहले कुछ और ही समझे थे , पढ़ने के बाद कुछ और ही समझ आ गया ।

    ReplyDelete
  3. बिल्कुल सही फरमाया...

    ReplyDelete