ये साल भी गया..
कभी गर्मी कभी सर्दी कभी बारिशें.. 
कई सपने ,उम्मीदें 
अनगिनत ख्वाहिशें 
तजुर्बे ,उम्र 
आजादियां, बंदिशें
कितना कुछ साथ लेकर आया था 
सब कुछ लुटा के गया.. 
कई यादें बिखेर कर 
ये साल भी गया.. 
ये साल भी गया ...

जब तक था 
बुरा कहते रहे हम 
खुशियाँ भी थी, पर 
ग़म गिनते रहे हम 
लेकिन आज जब
ये जा रहा है.. 
तो समझ आया ,
किसी से दूर किया अगर 
तो किसी से मिला के गया... 
सब हिसाब किताब निपटा के 
ये साल भी गया ..
ये साल भी गया ..

गलतियां हुई  होंगी 
क्यूंकि भगवान नही हूँ मैं,, 
लेकिन किसी को रूठा रखूं 
इतना भी शैतान नही हूँ मैं.. 
गुजरा हुआ कल बन जाऊंगा 
एक दिन मैं भी तुम्हारा 
जैसे ये साल बन के गया ...
थोड़ी नादानियाँ, 
थोडा प्यार करके
ये साल भी गया ... 
ये साल भी गया ..

कई यादें बिखेर कर 
ये साल भी गया ..
ये साल भी गया ...
- Kavi Sandeep Dwivedi

Alvida 2019..
Welcome 2020

Wishing You All Happy New Year In Advance...

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1 Comments

  1. आपके मुख से रश्मिरथी सुन मन को बहुत ही सुकून मिला। आपके आवाज रश्मिरथी पर चार चाँद का काम करती है है। मैं आपसे एक निवेदन करना चाहता हूँ की मैथिलीचरण गुप्त जी के साकेत महाकाव्य को अगर आप पढ़ कर अपलोड कर देते तो और अच्छा होता।
    मैं आपसे यहीं आशा करूँगा और साकेत के विडियोज की प्रतीक्षा करूँगा।
    धन्यवाद

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