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जिंदा हैं तेरे लाल अभी  by Kavi Sandeep Dwivedi : Salute to Indian Army : Repunlic Day Special

जिंदा हैं तेरे लाल अभी..  भारत माँ अपने हाथों में  यूँ ही जय ध्वज थामे रखना तुझ पर न्योछावर होने को सीना ताने तैयार यहाँ हिम्मत किसकी जो छू  भी दे सीमा पर हूँ बन ढल अभी भारत मां अपना दिल न दुखा जिंदा हैं तेरे लाल अभी  तू गीत सुना मां वो जिसमे वीरों की खुशबू आती…

इस बार रण कुछ और होगा..: Pocket Poem For Students :Kavi Sandeep Dwivedi : Is Baar Ran Kuchh Aur Hoga..

Pocket Poem For Students..  इस बार रण कुछ और होगा  था टूटकर बिखरा हुआ  हारा हुआ ,सोया हुआ  एक आग सहसा जल उठी  चीखकर यह कह उठी  इस बार रण कुछ और होगा.. कब तक रहूँ ,कब तक सहूँ  हूँ मिट गया,कितना मिटूँ अब मिट्टियाँ फिर से ढलेंगी इस…