ज़िंदा हैं तेरे लाल अभी
भारत मां अपने हाथों में
यूँ ही जय ध्वज थामे रखना
तुझ पर न्योछावर होने को
सीना ताने तैयार यहाँ
हिम्मत किसकी जो छू भी दे
सीमा पर हूँ बन ढल अभी
भारत मां अपना दिल न दुखा
जिंदा हैं तेरे लाल अभी
तू गीत सुना मां वो जिसमे
वीरों की खुशबू आती है
गाते गाते जिनको अक्सर
तेरी आंखें भर आती हैं
हम उन्ही वीर के वंशज हैं
है वही जोश और प्यार अभी
भारत मां ...
मुझे बहती नदियाँ तेरे
उड़ते आँचल सी लगती है
इस मिटटी का हर कण जैसे
तेरे अंगों को रचती है
कितने ही तेरी गोदी में
हैं भगत सिंह आज़ाद अभी
भारत मां....
सीमा पर मेरा देख कहर
फिर देख ज़रा पीछे मुड़कर
खेतों में लहराती फसलें
आती होगी खुशबू उड़कर
हम चूम रहे मां अम्बर को
बाकी है और कमाल अभी
भारत मां...
kavi sandeep dwivedi
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