Jo Bhi Hai Chalta Jata Hai : Best Motivational Poem Written By Kavi Sandeep Dwivedi
जो भी है चलता जाता है..
क्यूँ पीट रहा सर उस चौखट परजिसे समय की सीमा लांघ गयी
रुकना हो रुक पर याद रहे
ठहरेगा कोई साथ नही
जिस राह निकलकर गया समय
वो राह कहाँ दोहराता है
जो भी है चलता जाता है
जो भी है चलता जाता है ...
क्यूँ कहूँ कि उड़ता वो पंछी
बस तिनके लेकर जाता है
मैं तो कहता हर रोज सुबह
सूरज से मिलकर आता है
उन्नति का कारोबार सदा
सपनों के दम पर चलता है
बीज लगे जैसा दिल पर
फल वैसा लगता जाता है
जो भी है चलता जाता है..
जो भी है चलता जाता है...
सागर थामे ये सागर भी
क्या कभी जगह से हिला नही ?
निर्माण नाश स्तम्भ टिकी
परिवर्तन की अपनी गाथा है
न रुका कभी न रुक सकता
जो भी है चलता जाता है.
जो भी है चलता जाता है ..
- Sandeep Dwivedi
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1 Comments
Nice Sandeep ji
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