आ गया वो मोड़ जिसमे,अलविदा कहना पड़ रहा ...
मेरे यारों ये साथ का पल
अब एक दास्ताँ में बदल रहा
आ गया वो मोड़ जिसमे
अलविदा कहना पड़ रहा ..
वो क्लास और कैंटीन वाली
कहानी होगी ख़तम अब
अब अलग होंगी मंजिलें
और अलग होगा रास्ता
कैम्पस की वो सीढियाँ
जमती जहाँ थी महफिलें
वो सीढ़ियों का स्टेज भी
खाली करना पड़ रहा
आ गया वो मोड़ जिसमें
अलविदा कहना पड़ रहा ...
बच्चे ही थे न जब आये थे
ये पल भी कैसे ढल गये
सेमेस्टर के एग्जाम सेशनल
सब कितने जल्दी हो गये
एक पल में अरसा गुजरने का
वो दौर भी अब थम रहा
आ गया वो मोड़ जिसमें
अलविदा कहना पड़ रहा ...
मेरे दोस्तों.!ठीक से देख लो
कहीं कुछ छूटा न हो
कहीं तुम्हारी वजह से
कोई दिल रूठा न हो
भूल कर सब रंजिशे
गले मिल लो
फिर से मिलने का वादा कर लो
क्यूंकि जा रहा है वक्त जो
वो दोबारा आने से रहा
आ गया वो मोड़ जिसमें
अलविदा कहना पड़ रहा..
-Kavi Sandeep Dwivedi
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mere yaaron sath ka pal
ab ek dastan mein badal rhaa