यदि प्रेमिका मेरी बनोगी...

जब आपको प्रेम होता है तब ऐसा होता है न...
 कि कोई गीत आपकी जुबां में न सही लेकिन दिल में हर वक्त चलता रहता है..
......क्या आपने कभी सोचा है कि जो गीत आपके दिल में चल रहा है वो किसी कवि,किसी लेखक ने लिखा होगा..
कितनी खूबसूरती से वो आपके जज्बातों को बयां कर रहा होता है..
इसी को लेकर थोड़ी सी कल्पना करें...?कल्पना ये कि यदि आप ही किसी कवि ,लेखक की प्रेमिका होती तो 
आपका क्या रूतबा होता होगा..
सोचा है क्या..?ह ह ह 
वैसे मैंने सोचा है..और आज की कविता इसी कल्पना पर है..
ये कविता मेरी किसी रात की सुबह का ख्याल है और मैं सुबह के ख्वाब की बड़ी कद्र करता हूँ..
तो आइये पढ़ते हैं कि क्या होगा यदि आप "प्रेमिका मेरी बनोगी "..ह ह ..
यहाँ प्रेमिका मेरी बनोगी का अर्थ किसी कवि लेखक की प्रेमिका होने से है...आइये पढ़ते हैं..

मेरी डायरी के पृष्ठ पर
बस तुम्हारी बात होगी
मेरे किस्से में कोई
तुम सफल किरदार होगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी...

हम लेखकों ने ही सिखायी
दिल की बातें बोल पाना
बस में कहाँ दुनिया के वरना
कल्पना में उतर पाना
दुनिया जहाँ निःशब्द होगी
तुम वहां विस्तृत रहोगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी..

किसी कवि में जो  उतर गयी
मानो तुम संवर गयी
शब्द जो तूूम पर गढुंगा
दुनिया उसे खुद में बुनेगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी...

वक्त तो गुजरेगा जानेे
कब कहाँ क्या रंग लाये
पर याद रखना बात मेरी
कभी तुम यदि संग आए
मेरी लेखनी के साथ ही
तुम भी सदा चर्चित रहोगी ..
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी ..

कागजों  की बांहों में
लिपटी रहेंगी पंक्तियाँ
मेरी उँगलियों पर स्याहियां
तेरे होंठ पर फिर उँगलियाँ
होली तेरी हर पल रहेंगी
 तुम उँगलियाँ जब जब छुओगी
यदि प्रेमिका मेरी बनोगी..

yadi premika meri banogi..


   - Kavi Sandeep Dwivedi

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