हम अमानव क्यूँ बनें ..International Women's Day
International Women's Day Special 2019
जिसने विश्व को कालजयी विद्वान,कलाकार, योद्धा दिए।
पूरी दुनिया को अपनी सहनशीलता,क्षमताओं से स्तब्ध कर देने वाली ।
जिसके शौर्य साहस के किस्सों से इतिहास के अनगिनत पन्ने पड़े हैं।
आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उसी का हम सब गर्व से सम्मान करते हैं
और ये सिलसिला सदियों नही पृथ्वी के अस्तित्व तक चलता रहेगा।।
वेदों में जो ज्ञान है
शक्ति शाश्वत लक्ष्मी
पत्थर में जिसको देखकर
करते हो जिसकी स्तुति..
मंत्रों में सौ गुणगान कर
लिखते हो गरिमा की कड़ी..
भगवती तुल्य स्वरूप पर
हम अत्याचार क्यों करें..?
हम अमानव क्यों बनें..
जिसकी गोद में हम पले
पायी है जन्नत की ख़ुशी
धागे की छोटी डोर पर
महफूज़ है दुनिया मेरी
हाथ थाम जो संग संग
हंसती रही, रोती रही
हर जगह और हर कहीं
रिश्तों में सदा मिलती रही
ऐसे ही उसके रूप पर ,
नीयत से अपनी क्यों गिरें..
हम अमानव क्यों बनें..
जिस संस्कृति में हम पले
क्या उसका यही व्यवहार है
संस्कार जो उससे मिला
क्या यही उसका सार है
स्वर्णिम धरा के श्रेष्ठ मानव!
फिर कर्म ऐसे क्यों करें?
जिसकी वजह से श्रेष्ठ हैं
उस संस्कृति को लज्जित क्यों करें
हम अमानव क्यों बने..
हम अमानव क्यों बनें..
by kavi sandeep dwivedi
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