इस पर मेरा पुराना वीडियो







नमस्कार ,यह कविता मैंने 2017 के आसपास लिखी थी..इसका youtube पर विडियो अपलोड किया..तब इसे मैंने सिर्फ voice record करके एक फोटो लगाकर शेयर किया था.

Attachment is natural..but when ur emotion for someone become hurdle in ur life u should move on... This poem is all about emotion of devotion and the hurdle it become after an age... So friends If u like this video keep sharing ,keep listening and keep showering ur love as u always do...

बड़ा लम्बा वक्त लगा तुम्हें समझने में

ये फैसला ज़रा जल्दी होता तो बेहतर था..

बहुत जल्दी समझ लेते हैं लोग मुझे
ये हुनर मुझ में भी होता तो बेहतर था..

बेकार में दिन पर भरोसा कर लिया
तीलियाँ रख लिया होता तो बेहतर था...

तू सोचते रह गये मैं ताकता रह गया
मैं समझ गया होता तो बेहतर था...

भटकने वालों में शुमार कर दिया तुमने
मैं जो था वही होता तो बेहतर था..

तुम्हें पता था कहाँ जाना है तुम्हे
तुम चले गये
कुछ अपना भी तय होता तो बेहतर था...

                       - Kavi Sandeep Dwivedi

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2 Comments

  1. ये कविता पढ़ते-पढ़ते अतीत मे पहुँच जाता है पढ़ने वाला ...
    तुम सोचते रह गए, मै ताकता रह गया...
    वाह!

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  2. Hats off... yeh कविता apne अतीत की ग़लतियों कि याद दिला देतीं है।।

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