कैमरा ऑन प्लीज़ दो दिन से बेचैनी थी किसी के इंतज़ार में। ये इंतज़ार वाला दौर भी बड़ा अजीब होता है सारी खुशियां सामने वाले पर टिका लेते हैं...और बस..फिर ढूढ़ते फिरते हैं।। ओह्ह बताना तो भूल ही गया ये इंतज़ार किसलिए । ... कुछ खास नहीं बस वही जो अक्सर.…
कैमरा ऑन प्लीज़ दो दिन से बेचैनी थी किसी के इंतज़ार में। ये इंतज़ार वाला दौर भी बड़ा अजीब होता है सारी खुशियां सामने वाले पर टिका लेते हैं...और बस..फिर ढूढ़ते फिरते हैं।। ओह्ह बताना तो भूल ही गया ये इंतज़ार किसलिए । ... कुछ खास नहीं बस वही जो अक्सर.…