त्यौहार हमारी संस्कृति की धरोहर हैं और हमारे इतिहास की गाथा है 
नवरात्रि शुरू हो गयी है।। हिन्दू परंपरा की महिलाएं बड़े भक्ति भाव से माँ के नौ रूपों की उपासना में जुट जाती हैं।। आप सब पर मातारानी की कृपा बनी रहे।। 
.. कोई भी त्यौहार एक बड़ी कहानी, एक बड़ा सन्देश समेटे हुए रहता है... 

और यही हम सबको एक सूत्र में बांधे रखता है .. 
भारत की सांस्कृतिक विरासत इतनी विशाल है कि
 हर दिन कोई न कोई त्यौहार मनाया जा सकता है... 
यह हमारी सांस्कृतिक सम्पन्नता को दर्शाता है... 

आइये विषय में चलते हैं
.....और आज हम एक ऐसे ही त्यौहार के विषय में चर्चा कर रहे हैं जो हमारे देश में

 बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.. 
वो त्यौहार है 'दशहरा'(dushra)
 हिंदी की कुछ बोलियों में इसे कई बार 'दसराहा' भी कहते हैं .. 
इसका शाब्दिक अर्थ जानने के पहले यह जानना महत्वपूर्ण है कि 
यह विजय पर्व है, शक्ति पर्व है .. 
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशम तिथि को मनाया जाता है..
अब इसका शाब्दिक अर्थ हम आप मिलकर ही मंथन करते हैं लेकिन
 यह तभी हो सकता है जब हम थोडा इसके इतिहास को जान लें कि-
 
       यह त्यौहार प्रभु श्री राम के समय से यानि कि त्रेतायुग से मनाया जाता है  
कहते हैं कि इसी दिन प्रभु श्री राम, माता सीता का अपहरण करने वाले 
लंकापति रावण का वध किया था और लंका पर विजय पायी थी.. 
.....और तब से यह दिन विजय का द्योतक और यह उल्लास, हमारी संस्कृति का प्रमुख त्यौहार बन गया ..
 अब यहाँ से यदि इसका शाब्दिक अर्थ देखें तो दशहरा अर्थात दशानन को हराना 

  एक कथा यह भी आती है कि माँ दुर्गा ने नौ रात्रि और फिर दस दिन में महिषासुर से युद्ध करके विजय पायी थी इसलिए इसको विजयदशमी भी कहते हैं विजय दशमी अर्थात दसवा दिन विजय का .. 
मतलब यह कहा जा सकता है कि दोनों ही कथाओं से यह शौर्य शक्ति का पर्व है..शक्ति की उपासना है... 
नौ रात्रि का आधार भी यही कथा है...जिसमें हम माँ दुर्गा के नौ पाप हरनी  स्वरूपों की आराधना करते हैं..
कहते हैं कि प्रभु श्री राम ने भी रावण पर विजय पाने के लिए नौ दिन शक्ति की उपासना की थी उन्हें कमल अर्पित किय्रे थे..
महाप्राण महाकवि निराला जी  की "राम की शक्ति पूजा" इस पर आधारित है..-
इसके बाद आगे चलकर हमारे राजा महाराजा युद्ध के लिए अधिकतर इसी दिन निकलते थे... 
     और फिर बोलियों में जब मैंने दसराहा सुना तो वो भी हमें बड़ा अर्थपूर्ण लगा
इस दिन यह भी होता है कि कोई दिशा शूल नही होता..
इस दिन हम किसी भी शुभ काम के लिए किसी भी दिशा में निकल सकते हैं 
 शायद इसीलिए इसे दसराहा कहा जाता हो ... मतलब जिस दिन सारी राहें खुली हों..

 यह भी पढ़ें।। प्रजा ऐसी राम की थी

 कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार ?
इस दिन रावन का पुतला बना कर उसे जलाया जाता है..रामलीला का मंचन किया जाता है ..
आज तकनीक इसे काफी भव्य बना देती है
 यह इस प्रसन्नता का प्रतीक है कि श्री राम ने रावण पर विजय पाई थी और माँ सीता को छुडाया था ..
असत्य पर सत्य की जीत .. पाप पर पुण्य की जीत 
 कई जगहों में इसे माँ दुर्गा की पूजा करके मनाया जाता है ...
बंगाल प्रदेश की दुर्गा पूजा भारत भर में चर्चित है ... 
विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है... 
कुछ भी माना  जाय लेकिन कुल मिलकर ये विजय का ही पर्व है
 चाहे प्रभु श्री राम की विजय का हो या फिर माँ दुर्गा की विजय.. 
दोनों ही मान्यताओं का सार असत्य पर सत्य की विजय का सन्देश है
..सत्य की , शक्ति की उपासना का पर्व है 
 शस्त्रों की पूजा का भी चलन शायद इसीलिए है..क्योंकि तब विजय के लिए 
शस्त्रों की सम्पन्नता महत्वपूर्ण होती थी.. 
और बड़ी बात यह कि ये  त्यौहार उत्सव होते हैं हमारे भीतर एकता का भाव जगाते रहने के लिए.. 
और इनकी मूल भावना को इसके मूल सन्देश को संजो के रखना हम सबकी जिम्मेदारी है... 
जिससे इन्हें मनाने की सार्थकता बनी रहे ..
धन्यवाद इस चर्चा का हिस्सा रहने के लिए... 
शुभकामनाएं आप सबको।। 


9 Comments

  1. Bahut hi achaa likha hai Sandeep Sir
    Happy Navratri
    First time I gave a comment to your blog. Your blogs and poems are always gives us motivation to fullfil our dreams. Thanks Sir ☺

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    1. Wishing you happy Navratri.। 🙏🙏
      Heartily Thank you Respected mam.।।
      Always need your support.।

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    2. शारदीय नवरात्र की अनंत शुभकामनाओं सहित इस प्रेरणादायी और ज्ञानवर्धक ब्लॉग के लिए धन्यवाद 😇🙏🙏

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    3. स्वागत यहाँ भी आपका।।
      आपको भी ढेरों शुभकामनाएं।। 💐💐🙏🙏🙏

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  2. Dhanyavad Sir tayoharo se milne vale gyan ko boht acche se samajhane ke liye.
    Matarani sadev aap apni kripa bnaye rakhe.

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका।। 🙏🙏💐😊😊

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  3. Sir thank you sab ko tyoharon ke baare m samjhane I liye .sir chhat puja aa rha h ooske baare m bhi samjha dete toh achchha hota

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