उनकी बात..उनकी छोटी पंक्ति में एक अनंत पंक्तियों वाला भाव,सत्य समेटे हुए इन पंक्तियों के साथ _

कल कल करते आज 

हाथ से निकले सारे.. 

भूत भविष्यत् की चिंता में, 

वर्तमान की बाजी हारे.. 

पहरा कोई काम न आया, 

रसघट रीत चला.. 

जीवन बीत चला... 

उनकी सहज भाव में सहज शब्दों में लिखी ये पंक्तियाँ एक जीवन की नश्वरता,सीख ,सत्य सब को लिए हुए ..

मेरा निजी विचार है कि जब हम ऐसी पंक्तियाँ लिख जाते हैं ...जो एक समय बाद हम विचार में ये पाते हैं कि ये हमने कैसे लिख दिया..तो समझिये ये भाव तब के नही हो सकते ..ये गहराई तब की नही हो सकती ..जब हम कविता लिखने बैठते होंगे ..

बल्कि ये गहराई जिसे हमारे भावयन्त्र मापते रह जाएं..ये तभी की होती होगी जब कविता स्वतः बिठाती होगी हमें..जबरदस्ती।। 

जब शब्द स्वतः अंतःकरण के भाव को स्वयं में समेटने के लिए खड़े हो जाते होंगे। 

..और तब उस सूर्य की किरणों की तरह जिसे असंख्य बादल भी न रोक पाएँ..उसी भव्यता के साथ कविता आती होगी ...जब हमें बैठना ही पड़ता होगा स्याही से उकेरने के लिए ..ऐसे में स्वयं में गर्व करने वाली केवल यह बात रह जाती होगी कि कविता ने माध्यम हमें चुना ..और अटल जी की सारी रचनाएँ वही जान पड़ती हैं।।जिन्हें साहित्य ने चुना। 🙏🙏

आज उनका जन्मदिवस है...

जन्म - 25 दिसम्बर 1924

ग्वालियर ,मध्य प्रदेश 

मोक्ष पथ प्रस्थान -16 August 2018  

इस अवसर पर उनके व्यक्तित्व की कुछ बातें जो हमें गर्व का अनुभव कराती हैं..और हमें पूर्णतः बदल सकती हैं..

श्रेष्ठ लक्ष्य - हमेशा उनका लक्ष्य बड़ा या छोटा नही..बल्कि श्रेष्ठ रहा ..जिसमें  निजी उपलब्धियों की अपेक्षा सबके साथ उपलब्धि का अधिक महत्व होता है ..

राष्ट्र प्रेमी एवं कुशल राजनेता  - जब हमारा लक्ष्य राष्ट्र का कल्याण होता है ..जब हमारे निर्णय राष्ट्र के सुदृढ़ भविष्य को विचार करके हों ...तो हम ये कह सकते हैं कि हम उनके रास्ते पर हैं..उनका राष्ट्र के प्रति समर्पण उनके पूरे जीवन काल के मुख्य बिन्दुओं में से है ..  

कवि ह्रदय - सही मायने में कवि ह्रदय की पहचान सरलता है लेकिन विचारों को लेकर स्पष्ट,तटस्थता .. गुण लिए हुए । अटल जी की सरलता..कवि ह्रदय की कोमलता और वैचारिक दृढ़ता को पूर्णतः परिभाषित करती है ..जीवन के लगभग हर पहलू को वो अपनी छोटी बड़ी कविताओं में हमेशा समेटते रहे...उनकी वाचन शैली कविताओं को उनके स्वरुप का स्तर देती थी...लेखन संदेशप्रद हो..सार्थक हो .. यह हम सब अटल जी की रचनाओं से सीख सकते हैं । 

तपी एवं प्रेरक व्यक्तित्व - तप केवल वन ही नही.. वाटिका में भी होता है और जब हम तप करते हैं सिद्धि तभी मिलती है....जो दिखती तो नही लेकिन प्रभावित करती है..

और जब हमारे आपके बेहतरीन विचार हमें भी आपको भी ढालने लगते हैं..वो विचार अंग बनने लगते हैं..तो यह एक सामान्य की बड़ी उपलब्धि होती है..अटल जी ठीक अपने विचारों की तरह थे..जो हम सबको सीखना चाहिए..यह बड़ी कठिन साधना है..

 उनके विचार ऊर्जा से भरे थे ..और वो भी..जो हमें उनके सशरीर रहते हुए प्रेरित करते थे  ..और यह ऊर्जा इसी रूप में हमेशा रहेगी भी..

बहुत सी बातें है..सागर है, सब मिलेगा...बस मैंने कुछ चुना ..कुछ आप चुनेंगे..कुछ और चुनेंगे.. 

एक बार फिर जिनसे हिंदी साहित्य की सम्पन्नता बढ़ी... एक प्रेरक राजनेता का बेहतरीन चरित्र मिला... 

कवि शिरोमणि अटल जी ने हम सबके लिए , भावी पीढ़ी के लिए अपने आचरणों से, अपने गुणों से जो मार्ग,जो सन्देश स्थापित किया है..उसके लिए हम सब हमेशा ऋणी रहेंगे..और उनका जन्मदिवस हमें भी प्रेरित करता रहेगा..स्वयं को बेहतर करने लिए 

हम सब उनके जन्मदिवस पर उन्हें नमन करते हैं, श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ..जिनके व्यक्तित्व, रचनाओं और शैली ने सदैव जीवन संजोया है...

धन्यवाद् 





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