नमस्कार,
कहानियां किसे प्रिय नही होती ।गीत किसे पसंद नही होते ।कवितायें कौन नही सुनना चाहता ।गुनगुनाना कौन नही चाहता..बस, इसमें कहीं अपनी जैसी बात हो।।
हम सब किसी न किसी समाज का हिस्सा हैं ..समाज में घटनाएं हैं..उनका अपना तौर तरीका है.रहन-सहन संस्कृतियाँ हैं...
और उन्हीं तौर तरीकों पर लिखी गयी कहानियां, किस्से हमें लुभाते हैं। सिखाते हैं।
...और हम सब सहेज कर रखना चाहते हैं।
फिर हमें लगता है कोई ऐसी जगह हो, जहाँ हम सब ये धरोहर सुन- सुना सकें।।
और आज के इंटरनेट के दौर में इसके लिए कई माध्यम हैं।
जहाँ हम ये सब पढ़-सुन सकते हैं।
लेकिन मैं बात करना चाहूंगा इन्ही कई माध्यमों में से एक माध्यम 'Gaatha' App की।।जिनसे मेरा संपर्क हुआ बीते वर्ष।
बहुत अच्छा अनुभव रहा। आपका अच्छा उद्देश्य और इसके लिए सार्थक प्रयास आपको बेहतर बनाता है।
नये वर्ष की आपको ( 'Gaatha') को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ।। यूँ ही साहित्यिक धरोहर को सहेजने की प्रक्रिया जारी रखें।। आपको बधाई ,धन्यवाद ।
बस यहाँ पर परिचय कराना ही उद्देश्य था।
ये विरासत हम सबको पढ़नी सुननी चाहिए।। क्योंकि समाज का दर्पण ही साहित्य है।। तो क्यों न समाज को साहित्य में समझें और उससे सीखें।दुनिया को समझें। दौर को समझें।
मन को कविताओं से सजाएं।।
बहुत धन्यवाद।।
धन्यवाद श्री अमित तिवारी जी।।
आप सबका यूँ ही साथ रहे।।
Gaatha