कविता

विचार करिए आप कहीं जा रहे हैं.. छोड़िये..ऐसा विचार करिये कि आप बालकनी में बैठे हैं।।ठंड है ,कोहरा है।। सूरज उग रहा है। पंछी चहक रहे हैं। 

ये देखकर कैसा लगा।। ये दृश्य यदि कोई कवि हृदय या कल्पनाशील हृदय देखता तो भावों को भीतर भीतर शब्दों में गढ़ने लगता और उसकी कल्पना शीलता प्रतिदिन होने वाली इस समान्य प्रक्रिया या घटना को अद्भुत स्वरूप दे देती।  जो दिख रहा है कल्पनाएँ उसके भीतर गोता लगाती हैं। और उन कल्पनाओं को जब एक निश्चित तरंग में या प्रवाह में शब्द दे दिये जाते हैं।। जो उस पढ़ने वाले के भीतर भी कल्पना का वही रंग चढ़ा देती है।। शब्दों का ऐसा गठन कविता हो जाती है। 

या हम यूँ कहें कि भावों का विचारों शरीर शब्द है ..

भावों को सुंदर प्रवाहपूर्ण शैली में शब्दों से प्रकट किया जाय। तो वो कविता क कही जाती  है। भाव की प्रधानता काव्य लेखन की अनिवार्यता है.. 

पांच हिन्दी कविताएँ, जो हम सबको याद होनी चाहिए।। Life Changing Poems

कविता हमारे विचारों का सुंदर प्रस्तुतिकरण है और विचार देखकर ,सुनकर, पढ़कर ही आते हैं।। 

यह सुनें- क्या कविता से घर नही चलता

कविता शब्दों और भावों का समागम कहा जा सकता है जिसमें भावों को शब्दों से अलंकृत करके स्वरूप दिया जाता है।। 

यह थी कविता की व्याख्या जो मैं समझता हूँ । साझा किया।। 

अब आप बताइए, आप के अनुसार कविता क्या होती है? 

यहीं comment Box में आपकी बात रखें।। 

🙏💐❤😊📖

3 Comments

  1. साहित्य गगन , साहित्य कार हैं तारे ।
    अपने प्रकाश से दैदीप्यमान हैं सारे। ।

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  2. Mirror of society hai poem ......ek bar dhyan se padha jaye phir aap Jeevan ke hr ek pal ko relate kr skte ho .....aur mushkilo ko shant mn se Kavita ki help se par pa skte ho .......I am Disha Tripathi from gorakhpur upsc aspirants.... I read your poem consistently..........

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