जीवन के हर मोड़ पर गीतों कविताओं ने हम सबको बहुत प्रेरित किया है ..
कविताओं में क्षमता है आपका मनोभाक्व बदल देने की ...
उदास मन को प्रसन्न कर देने की 
जिंदगी बदल देने की..
आज यहाँ कुछ चुनी हुयी कवितायेँ जो हम सबको याद होनी चाहिए ..जो किसी भी मुश्किल में हमें हिम्मत देती हैं ..भीतर से ओरेरित करती हैं ..
इन कविताओं को पढ़कर महसूस कर  पाएंगे की शब्दों में कितनी शक्ति है ..
तो आइये -
1. सोहनलाल द्विवेदी जी की 'कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती'
हम सभी ने यह कविता पढ़ी ही होगी ..साधारण शब्दों से असाधारण रूप से प्रेरित करने वाली कविता है..
उसकी कुछ पंक्तियाँ यहाँ पर हैं..
नन्ही चीटीं जब दाना लेकर चलती है 
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है 
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है 
गिरना चढ़ना न उसे अखरता है 
आखिर उसकी मेहनत बेकार नही होती 
कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती 

2.मैथिलीशरण गुप्त जी की नर हो न निराश करो मन को 
हम सबने इसे स्कूल में या कहीं भी जरुर सुना पढ़ा होगा ...
हम सबको कुछ करने के लिए ,अपना समय यूँ ही बेकार न गंवाने के लिए प्रेरित करती कविता 
इसकी कुछ पंक्तियाँ -
नर हो न निराश करो मन को 
कुछ काम करो, कुछ काम करो 
जग में रहकर कुछ नाम करों 
यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो 
समझो जिससे यह व्यर्थ न हो 
कुछ तो उपयुक्त करो तन को 
नर हो न निराश  करो मन को 

3. रामधारी सिंह 'दिनकर' जी की रश्मिरथी 
कर्ण के जीवन पर आधारित इस काव्यकृति में कई जगह बड़ी प्रेरक पंक्तियाँ हैं..
तृतीय सर्ग के प्रथम भाग से कुछ पंक्तियाँ -
सच है विपत्ति जब आती है 
कायर को ही दहलाती है 
सूरमा नही विचलित होते 
क्षण एक नही धीरज खोते 

ख़म थोक ठेलता है जब नर 
पर्वत  के जाते पाँव उखड़
मानव जब जोर लगाता है 
पत्थर पानी बन जाता है 


4. हरिवंशराय बच्चन जी की 'जो बीत गयी सो बात गयी "
यह कविता अपने अतीत की असफलताओं का पश्चाताप न करने बल्कि आगे चलते रहने के लिए प्रेरित करती है..
याद रहनी चाहिए ..
जीवन में एक सितारा था 
माना वह बेहद प्यारा था 
वह डूब गया तो डूब गया 
अम्बर के आनन को देखो 
कितने उसके तारे टूटे 
कितने उसके प्यारे छूटे
जो छूट गये फिर कहाँ मिले 
पर बोलो टूटे तारों पर 
कब अम्बर शोक मनाता है 
जो बीत गयी सो बात गयी...

5. रामावतार त्यागी जी की 'एक भी आंसू न कर बेकार'
यह कविता हमें समझाती है कि जो मुश्किलें हैं, जो दुःख है ..उसमे एक अवसर छिपा है ..हम उससे सीख लें, उसे अपनी कमजोरी नही बल्कि मजबूती बनाएं..
प्रस्तत है इसकी कुछ पंक्तियाँ-
चोट खाकर टूटते हैं सिर्फ दर्पण 
किन्तु आकृतियाँ कभी टूटी नही हैं 
आदमी से रूठ जाता है सभी कुछ
पर समस्याएं कभी रूठी नही हैं 
हर छलकते अश्रु से कर प्यार 
जाने आत्मा को कौन सा नहला जाए..
एक भी आंसू न कर बेकार 
जाने कब समुन्दर मांगने आ जाए.. 

तो ये थी कुछ कविताएं जो हम
सबको एक दिशा देती हैं ..इनके रचनाकारों को नमन..
आप इन कविताओं को पूरा पढने के लिए यहाँ सर्च कर सकते हैं -
धन्यवाद् 

अब आप बताइए.. इन कविताओं के अलावा और कौन सी कविता आपको याद है जो आपको प्रेरित करती है? 
प्रतिक्रिया Comment में दें।। स्वागत है।। 😊⭐❤

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