आज भले ही बदलते समय में सब ऑनलाइन हो गया हो..लेकिन फिर भी कागज़ के पन्नो को पढ़ने का अपना  अलग ही आनंद है ..जो हमेशा रहेगा 
हमारे मोबाइल स्क्रीन पर भले ही कोई एप्प कितना भी बुक जैसा फीचर  देने की कोशिश कर ले लेकिन वो असफल ही रहेगा...
इस बदलते दौर का एक और प्रभाव हुआ है कि पहले लोग अपने लेख, अपनी रचनायें लोगों तक पहुंचाने के लिए पत्र पत्रिकाओं का सहारा लेते थे ..वही एक सशक्त माध्यम होता था लेकिन अब सोशल मीडिया के समय में  लोगों तक पहुँचने के लिए पत्र पत्रिकाओं पर निर्भरता उतनी नही रही .पाठक  भी निः संदेह थोड़े कम हुए होंगे
लेकिन इन सब के बावजूद कुछ पत्र पत्रिकाएँ हैं जिसमें आज भी अपना लेख आना अपनी रचनायें  आना एक गर्व की बात होती है..और कुछ पाठक भी जो इस माध्यम को छोड़ना नही चाहते ..
तो आइये चर्चा करते हैं कि वो कौन सी पत्रिकाएँ हैं जो आज भी लोगों में अपना प्रभाव और छाप रखती हैं..
बहुत सी बेहतरीन पत्रिकाएँ हैं लेकिन कुछ पत्रिकाओं की जानकारी यहाँ साझा कर रहा हूँ -

1. कादम्बिनी - लगभग पचास वर्षों से प्रकाशित हो रहिओ मासिक पत्रिका है ..मूलतः साहित्यिक विधा पर केन्द्रित यह पत्रिका है...

2. चम्पक - हम सब इस पत्रिका से खूब परिचित हैं ..हम सबने  कोई न कोई अंश पढ़ा ही होगा ..बच्चों को समर्पित यह पत्रिका है ..

3. अखंड ज्योति - बहुत पुरानी मासिक पत्रिका..विज्ञान को समर्पित
 
4. पान्चजन्य - यह साप्ताहिक पत्रिका है..और कई दशकों से हम सबको उपलब्ध होती रही है ..

5. गृहशोभा  - यह मूलतः महिलाओं के लिए प्रकाशित मासिक पत्रिका है..इसके अलावा 'मेरी सहेली' भी महिलाओं को समर्पित काफी चर्चित पत्रिका है..

6. सरिता - यह लगभग समाज के सभी विषयों को संकलित करने वाली  पत्रिका है ...फॅमिली मैगज़ीन में वर्गीकृत की जा सकती है .. 
                   
...तो यह थी कुछ हिंदी पत्रिकाओं की जानकारी ..इसके अलावा भी बहुत सी पत्रिकाएँ हैं जिन्हें पढ़ना चाहिए जैसा कि मैंने ऊपर कहा..
यदि कुछ इन पत्रिकाओं के लिए लेख हो या कुछ भी हो तो इनकी वेबसाइट पर जाकर जरुर संपर्क करने का प्रयास करना चाहिए..शुभकामनाएं
  धन्यवाद् 

इनके विषय में आप यहाँ से भी सर्च कर सकते हैं-

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