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Independence Day Special : अखिल आदि अद्वितीय भारत...मैं धन्य हूँ जन्मा यहाँ..!! Some Lines for Incredible India : written by Kavi Sandeep Dwivedi

हमारे देश ने गौरव की असीम ऊँचाइयाँ देखि है  पूरे विश्व को हमारे ज्ञान पर नतमस्तक होते देखा है  हजारों कोशिशों के बाद भी नष्ट न होने वाली संस्कृति का हम हिस्सा हैं  हमारे देश में प्रेम पलता है ..भक्ति पलती है  हमारे देश में राम रहते हैं ,कृष्ण रहते हैं ..बुद्ध रहते …

विश्व ने राम को जाने क्या क्या कहा....सीता कहती रही राम ही सत्य थे..: Kavi Sandeep Dwivedi Poem

आइये स्वागत है.. कविता सुनें भी पढ़ें भी .. सीता कहती रही राम ही सत्य थे ... कब उन्होंने कहा मैं चलूँ साथ में पथ ये वनवास का मैंने ही था चुना.. वो गिनाते रहे राह की मुश्किलें प्रेम थे वो मेरे प्रेम मैंने चुना... लांघी थी मैंने ही सीमा की देहरी दोष किसका था…