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एक सरपंच का स्कूल में दिया गया भाषण..: Kavi Sandeep Dwivedi

धन्यवाद् आप सबका ..जो यहाँ पर हैं और पूरे गाँव के लोग जहाँ तक मेरी आवाज़ पहुच रही है .. आपने मुझे गाँव का सरपंच चुना है...मुझे बहुत ख़ुशी है कि अपने इसके लायक समझा.. और धन्यवाद उनका जो इस पद के चुनाव में प्रतिद्वंदी रहे जिन्होंने कभी ये मुझे गुमान नही होने दिया …

वो भाषा अपनी हिंदी है।  शब्दों का न ओर छोर  अर्थों से रखे सराबोर हो भाव कोई भी छोटा सा  सौ तरह उसे कह सकती है जो भावों को पाला करती है वो भाषा अपनी हिन्दी है.. संस्कृत की अनुपम छाया  जिस पर छायी रहती है श्रृंगार वीर हो कोई भी रस …

...To Behtar Tha !! Kavi Sandeep Dwivedi

इस पर मेरा पुराना वीडियो नमस्कार ,यह कविता मैंने 2017 के आसपास लिखी थी..इसका youtube पर विडियो अपलोड किया..तब इसे मैंने सिर्फ voice record करके एक फोटो लगाकर शेयर किया था. Attachment is natural..but when ur emotion for someone be…

अर्जुन के लक्ष्य विबेध में... द्रोण को पहचानिए..: Best Poem on Teachers Day : Kavi Sandeep Dwivedi

आइये स्वागत है , कविता सुनें भी और पढ़ें भी .. " .....इतिहास साक्षी है..ये उन्नति साक्षी है..हम सब साक्षी हैं की हम सबने सीखा है.. और जब हमे सीखा है तो किसी ने सिखाया ही होगा.. और जिसने कुछ भी सिखाया है वही गुरु है... " शिक्षा दिवस की हार्दिक शुभकाम…