दर्ज सारे सत्र भी हों सब मिलन सब पत्र भी हो कोई बेवजह न रूठ जाये इसलिए मैं लिख रहा हूँ... सत्य कब पहचानता है हार क्या है जीत क्या कोई उसको ठग न पाए इसलिए मैं लिख रहा हूँ... एक जीवन ही नही किरदार तो हर दौर है कोई कथा ही बन सके इसलिए मैं लिख रहा हूँ... जिस कल्पना के प…