खबर सही है..कुछ दिन में मेरी शादी है...by Kavi Sandeep Dwivedi
हाँ,खबर सही है..कुछ दिन में मेरी शादी है..
....by kavi sandeep dwivedi
ह ह ह ..इस कविता में आपको कुछ मिलेगा नही..ये बस किसी वक्त शादी के ख्याल को लेकर ,घर के माहौल को देखकर वहा की तयारी व्यस्तता देखकर कुछ लाइन्स जैसे आती गयी लिखता गया..कोई क्रमिकता नही है..बस ऐसी है कि जैसे आपको जमे पढ़ डालिए..
हाँ,खबर सही है
कुछ दिन में मेरी शादी है..
मेरे घर की दीवारें रंगने लगी हैं
मोहल्ले की औरतें घर में रहने लगी है
कुछ गीत सुबह होने लगे हैं
बड़ी चहल पहल रहने लगी है
किसी ने पूछा तो नही है
लेकिन पता है कि लड़का राज़ी है...
खबर सही है.. कुछ दिन में मेरी शादी है..
मेरी बुआ की तैयारी Listen Here....
चाची की खरीददारी
मम्मी की अपनी शान है
ये बेटा उनकी जान है..
मौसी की ख़ुशी बेहिसाब है
मामी कब से बेताब है
सब हैं पीछे पड़ी हुयी
आगे पीछे खड़ी हुयी
ऐसे छेड़ रही हैं सब
जैसे सब मेरी भाभी हैं..
खबर सही है.. कुछ दिन में मेरी शादी है ...
मुझ पर भी बड़ी जिम्मेदारी है
बड़ी लम्बी चौड़ी यारी है
उनको बुलाना जरुरी है
यारी निभाना जरुरी है
पैसे की थोड़ी कडकी है
लक्ष्मी अभी भड़की है
सूट सिलवाना भी है
मेकअप कराना भी है
शादी वाला लड़का हूँ
ये दिखाना भी है
करना तो है ही
भले पैसे की बरबादी है..
खबर सही है..कुछ दिन में मेरी शादी है..
मैंने भी लडकी को नही देखा है
लड़की ने मुझे भी नही देखा है
जो होगा देखा जायेगा
सब किस्मत पे फेका है
सुना है सीढ़ी सादी है
पढ़ी लिखी है ,प्यारी है
रिश्ता जबसे पक्का हुआ है
चर्चा उसी का जारी है
चलो देखते हैं हम भी
किस्मत हम पे कितना वारी है
खबर सही है कुछ दिन में मेरी शादी है..
बिलकुल फिल्मो वाला सीन है
मौसम बहुत बेहतरीन है
फोन पे फोन आ रहे हैं
चाचा गाड़ी करवा रहे हैं
पिताजी काम में व्यस्त हैं
भाई कैमरे से त्रस्त है
फूफा जी का तो ऐश है
क्यूंकि उनके पास कैश है
मेरी बहन को क्या चाहिए
उसने एक लिस्ट पकड़ा दी है..
खबर सही है..कुछ दिन में मेरी शादी है..
मैं यहाँ इंदौर में
संघर्षों के दौर में
सोच रहा हूँ क्या करूँगा
खर्च कैसे उठा सकूँगा
कविता जमकर आ रही है
पर लिखी नही जा रही है
अन्दर पूरा कश्मीर है
अच्छा है पर कौतुहल भरपूर है
किसी को गिफ्ट भी देना है
नए कपडे भी लेना है
दहेज़ मिला नही है
इसका ज्यादा गिला नही है
अब तक की कहानी तो मस्त थी
पर पिक्चर अभी बाक़ी है
खबर सही है कुछ दिन में मेरी शादी है...
-Kavi Sandeep Dwivedi
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4 Comments
कब है भाई
ReplyDeleteकब है भाई
ReplyDeleteWonderful sir
ReplyDeleteशादी तो जब भी होगी सर पर कविता जानदार है हाहाहा एक दम मस्त थैंक्यू सो मच सर
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